Tuesday, July 21, 2020

गृहिणी

गृहिणी
वातायनलोहजालिकायाः
सा पश्यति
वृक्षोपरि सारिकाम्।
तदा
अग्निदग्धदुग्धं भूत्वा
उच्छलति 
तस्या हृदयम्।
वह देखती है 
खिडकी की लोहे की लाली से बाहर सारिका को,तब
चुल्हे पर गरम जला हुआ 
दुध बन  कर उछलता है
उसका हृदय।
दूध का उबलना यहाँ हृदय की व्यग्रता का प्रतीक है।

Dedicated to my dearest friend madhu kothri who established mono image in gujarati

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