मैं अब मोनो इमेज कविता की विधा पर बात करता हूं।
-बिम्बवाद के साथ संबंध
-
-कोई एक विषय का चयन
-विषय अमूर्त हो तो पंचेन्द्रिय ग्राही बनाना
-एक विषय पर पांच, सात या अधिक अत्यंत छोटी रचनाएं करना
-विषय को बिम्ब,प्रतीक,मिथक,फेंटेसी , रूपक ग्रंथिmetaphorके साथ जोडना
-अकाव्योचित,अरूढ विषयों को रसाप्लावित करना
-कवि प्रतिभा की कसोटी
-छोटी रचना में कम से कम शब्दों का प्रयोग
छंद के बंधन नही.
शास्त्रों के संदर्भ ,व्यक्रोक्ति ,व्यंजना से प्राणवान रचना
प्राणहीन बडे काव्य हो सकते है,मोनो इमेज नही।
अब DrMaya Kalburge and Saloni Joshi ji के लिए यह हाइकु
स्थातुमिच्छामि
छिद्यमानवृक्षस्य
स्थाने$हं स्वयम्
मैं स्वयं खडा रहना
चाहता हूं
कट रहे पेड की जगह।
पीडा का वैश्विक अनुभव आपको ईसा मसीह बनाता है।
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