Wednesday, November 23, 2016

किमिदं व्याहृतं मया?'

'किमिदं व्याहृतं मया?' ( यह मैंने क्या बोल दिया)
वाल्मीकि तरह मेरी भी यही प्रितिक्रिया थी जब dr. Pramodkumar Sharma ji के साथ पाणिनिय धातु पर whatsapp पर काव्यरचना करने लगा । यह मेरा 27 काव्यसंग्रह है । whats app, facebook और कंप्यूटरयुग की कविताएँ इस में शामिल है ।