Wednesday, August 19, 2020

19 August20

मृत्योःपूर्वम
 ईशपुत्रेण कथितम्-
क्षमस्व तान्
ते न जानन्ति ते किंकुर्वन्तीति।
अहमपि कथयामि -
क्षमस्व तमीश्वरम्,
स न जानाति
स किं करोतीति।
मोत के पहले ईसा मसिह ने
कहा था 
ऊनको माफ कर दो
वे नहि जानते 
वे क्या कर रहे है।
मै भी कहता हूं
माफ कर दो ईश्वर को
वह नही जानता
वह क्या कर रहा है ।
Dedicated to  DrMaya Kalburge and Maldivo Giuseppe Vai ji

Friday, August 7, 2020

7 th August

विषय का आध्यात्मिक रूप
अहं
स्वात्मनि प्रविशामि
तदा तत्रापि दृश्यते
स्नानगृहम्।
तत्र स्नाति हंसः।
मैं अपने अंदर प्रवेश करता हूं 
वहाँ भी दिखता है एक स्नानघर
वहाँ नहाता है हंस।
अनु.dr Rdhavallabh Tripathi ji 
Dedicated to Mamta Tripathi and   Pravesh Saxena ji