Sunday, May 31, 2020

हाइकु काव्यम्

गूहगवेषां 
क्रीडन्ति सान्ध्यकाले
गगनवर्णाः।
 खेल रहे हैं
आंख मिचौली 
शाम के समय
आकाश के रंग


Wednesday, May 6, 2020

my haiku poem 6may 2020

आयुर्भारेण 
पीडां वोढुमुत्थितः 
प्रभात उष्ट्रः।
The camel arose again in the morning 
To carry burden of life 
With pain