Saturday, July 25, 2020

25 july 20 new mono image

गृहिणी
श्रुतिपरायणा सा
स्मृतिपरायणा भूत्वा
शुश्रूषां करोति सर्वेषाम्।

श्रुति परायण ,सब की भलीबुरी सुननेवाली वह
स्मृति परायण बन कर, सब की बातें स्मरण में रख कर
करती है सब की सेवा
श्रुति, वे ,सुनना स्मृति धर्मशास्त्र और याद रखना श्लेष
अब जिसको इस विषय पर लिखने की इच्छा  हो वह लिखे।अनुवाद की जरूर नही।.         For
Pandya Nikunj Yashu and.  Madhu Thaker
Image courtesy by dr.  Thomas Parmar through dr.Ravindra Khandwala

Tuesday, July 21, 2020

गृहिणी

गृहिणी
वातायनलोहजालिकायाः
सा पश्यति
वृक्षोपरि सारिकाम्।
तदा
अग्निदग्धदुग्धं भूत्वा
उच्छलति 
तस्या हृदयम्।
वह देखती है 
खिडकी की लोहे की लाली से बाहर सारिका को,तब
चुल्हे पर गरम जला हुआ 
दुध बन  कर उछलता है
उसका हृदय।
दूध का उबलना यहाँ हृदय की व्यग्रता का प्रतीक है।

Dedicated to my dearest friend madhu kothri who established mono image in gujarati