Monday, December 14, 2020

12डीसे शत्रुवैभव

गुणवंत शाह कहते हैं कि बडे लोगो के पास शत्रुवैभव होता है।मैं बडा नही हूं ,किन्तु मेरा शत्रुवैभव  बडा है।कुछ लोग नही चाहते  थे मैं पीएच.डी करुं ,मैने किया।कुछ शत्रु ने मुझे पीएचडी गाइड बनने से तीन वर्ष रोका ,मैं सात युनिवर्सिटी में गाईड बना।कुछ लोग साहित्य अकादमी का पुरस्कार  मुझे मिले ऐसा नही चाहते थे ,वह  भी मिला।मेरी कविता कई भाषाओं में पहूंची।  मुझे शत्रुवैभव अच्छा लगता है।मेरी ख्याति और लडने की उनकी बदौलत है।
शृगालहृदयः शत्रुः
गर्जति पृष्ठे।
मूषकवीर्यःशत्रुः
संचरति नस्तिमिरे।
सारमेयसाहसो$सौ
अनुपस्थितौ भषति।
कृकलासकलाकोविदो$सौ
ऋतुं विना परिवर्तते।

Sunday, December 6, 2020

6th Dec A love letter

त्वयि च
सुदाने खार्टुमनगरहट्टेषु
हस्तिदन्तानां विनिमयं 
कुर्वन्तो जनाः,
सिंगापुर नगररथ्यासु
प्रसरन् लवंगसुगन्धः,इस्तंबुल(कोन्स्टेटिनोपल)समुद्रतटे
नौकासु लम्बमानानि मेषचर्माणि,
मार्सेल्सनगरगृहेषु प्रसर्पन् मद्यस्वादः,
टास्मानियाद्वीपे नयनरम्ये
सेवफलानां रक्तवर्णः,
चीलीदेशे कदलीकदम्बेषु
प्रवहन्ती कौमुदी
-एवं विश्वस्य प्रतिकक्षं गत्वा
सर्वमपि अनुभूयते।
तदनन्तरं भ्रामं भ्रामं 
कदाचित्
मानचित्ररहिते स्वप्ने
तव नाम प्राप्तत
त्वयि च सर्व मिदम्......अलकनन्दे!
सुदानदेश के खार्तूम नगर में दुकानों में 
हाथीदाँत के विनिमय करती लोग,
सिंगापुर की गलियों में लोंग की सुगंध,

Saturday, November 21, 2020

19 Nov 20 language of women

पुष्पाणां भाषां
ये न जानन्ति ,ते किं
लपेयुस्स्त्रीभिः।
जो पुष्पों की भाषा
नही जानते
वे स्त्रियों से क्या बात करेंगे?
What will they talk
With women
Who don't know 
The language of flowers?
For Taresh Kumar Sharma and डॉ. राजेश कुमार मिश्र

Monday, November 9, 2020

10 th Nov 20 ugliness and beauty

I am a fan of not only Kalidasa ,orBhavbhooti ,but also a fan of world poets. Charles Baudelaire is one of them. He taught me to see ugly things,evils of the world. So my poetry world is very different from others. I see all ugliness as I see beauty.perhaps at the age of 28 ,I read his collection 'The flowers of Evil'
अलसाः क्षणाः।
भ्रमन्ति तैलचौरा
आविले चित्ते।
आलस के क्षण
घूमते है तिलचट्टे
मैले मन में ।
यह हाइकु संस्कृत में मेरी लेखिनी से हि जन्म ले सकता है।

Wednesday, November 4, 2020

4 Nov 20 Beauty and images

I am known for my imagist poem.japan is a country of beauty.The beauty wears hundreds of colours in Tanaka and Haiku with shortness
सर्षपक्षेत्रं
पीतपुष्परंजितम्।
भाति सुन्दरम्।
लग्नोत्सुककन्यायाः
हरिद्रासिक्तं गात्रम् ।।
सरसों का खेत
पीले फूलों से सुशोभित
मनभावन
विवाह के लिए उत्सुक
हलदी के उबटन से सजी
 हो कंचनकाया।
The  mustard field 
decorated with yellow flowers
Catching eyes.
The beauty of young girl
Coated with turmeric paste!
Dedicated to Sarita Sharma and Surya Mohapatra

Saturday, September 12, 2020

मेरी काव्ययात्रा

मेरे काव्यकर्म में डो.एम.वी.जोशी ,अरुणोदय जानी और गौतमभाई पटेल का योगदान रहा है।जोशीसाहब को मैं डाक से मेरी काव्यरचनाएं भेजता था।वे बिना थके मेरी कविता को परिमार्जित कर के अपने खर्च से वापिस भेजते थे। कई वर्षों तक यह चलता रहा।
मैं पोस्टल डिपार्टमेंट में1977 में क्लर्क था।तब डो.अरुणोदय जानी ने मेरी मोनो इमेज रचनाओं पर व्याख्यान दिया एक लंबा लेख भी लिखा । उन्होंने आधुनिक काव्यवादों ,टाइपोग्राफी ,सिंबोल, मिथ आदि जानकर राष्ट्रीय संगोष्ठियों में व्याख्यान दिये। आधुनिकता सेसमग्र गुजरात में मेरी पहचान बनी। डो.गौतमभाई ने मेरा प्रथम संग्रह रथ्यासु जम्बूवर्णानां शिराणाम् प्रकाशित किया।वे आज तक मुझे लिखने की प्रेरणा देते रहे हैं। इन सभी को मैं मेरे गुरु मानता हूं।

Wednesday, August 19, 2020

19 August20

मृत्योःपूर्वम
 ईशपुत्रेण कथितम्-
क्षमस्व तान्
ते न जानन्ति ते किंकुर्वन्तीति।
अहमपि कथयामि -
क्षमस्व तमीश्वरम्,
स न जानाति
स किं करोतीति।
मोत के पहले ईसा मसिह ने
कहा था 
ऊनको माफ कर दो
वे नहि जानते 
वे क्या कर रहे है।
मै भी कहता हूं
माफ कर दो ईश्वर को
वह नही जानता
वह क्या कर रहा है ।
Dedicated to  DrMaya Kalburge and Maldivo Giuseppe Vai ji

Friday, August 7, 2020

7 th August

विषय का आध्यात्मिक रूप
अहं
स्वात्मनि प्रविशामि
तदा तत्रापि दृश्यते
स्नानगृहम्।
तत्र स्नाति हंसः।
मैं अपने अंदर प्रवेश करता हूं 
वहाँ भी दिखता है एक स्नानघर
वहाँ नहाता है हंस।
अनु.dr Rdhavallabh Tripathi ji 
Dedicated to Mamta Tripathi and   Pravesh Saxena ji

Saturday, July 25, 2020

25 july 20 new mono image

गृहिणी
श्रुतिपरायणा सा
स्मृतिपरायणा भूत्वा
शुश्रूषां करोति सर्वेषाम्।

श्रुति परायण ,सब की भलीबुरी सुननेवाली वह
स्मृति परायण बन कर, सब की बातें स्मरण में रख कर
करती है सब की सेवा
श्रुति, वे ,सुनना स्मृति धर्मशास्त्र और याद रखना श्लेष
अब जिसको इस विषय पर लिखने की इच्छा  हो वह लिखे।अनुवाद की जरूर नही।.         For
Pandya Nikunj Yashu and.  Madhu Thaker
Image courtesy by dr.  Thomas Parmar through dr.Ravindra Khandwala

Tuesday, July 21, 2020

गृहिणी

गृहिणी
वातायनलोहजालिकायाः
सा पश्यति
वृक्षोपरि सारिकाम्।
तदा
अग्निदग्धदुग्धं भूत्वा
उच्छलति 
तस्या हृदयम्।
वह देखती है 
खिडकी की लोहे की लाली से बाहर सारिका को,तब
चुल्हे पर गरम जला हुआ 
दुध बन  कर उछलता है
उसका हृदय।
दूध का उबलना यहाँ हृदय की व्यग्रता का प्रतीक है।

Dedicated to my dearest friend madhu kothri who established mono image in gujarati

Monday, July 20, 2020

mono image poems 20 july

आज से हम गृहिणी विषयक मोनो इमेज शुरू करते है।एक सप्ताह यह विषय चलेगा।मैंने गुजराती में पृथ्वीना प्रेमनो पर्याय पत्नी नामक एक ग्रंथका लेखन संपादन किया है।
हमारे कवि प्रिया पर ढेर कविता लिख सकते हैं ,मगर जीवनसंगिनी के बारे महाकवि भी चूप हैं!
गृहं प्रकाशयितुं
गृहिणी
भवति दीपशिखा।
घर को प्रकाशित करने के लिए
गृहिणी बन जाती है
दीपशिखा। 
इस विषय पर आप सभी छांदस, अछांदस,गजल का शेर ,श्लोक लिख सकते है।
It's new adventure .Someone can make e book
Dedicated to Rdhavallabh Tripathi and Satyavati Tripathi with regards
I  welcome Kaushal Tiwari, Surendramohan Mishra Dr Balram Shukla , DrKripa Ram Tripathi Abhiram डॉ ओमप्रकाश पारीक  Indra Giri ji and other friends to create new poems and others  also add poems of own language

Friday, July 17, 2020

mono image poems

मैं अब मोनो इमेज कविता की विधा पर बात करता हूं।
-बिम्बवाद के साथ संबंध
-
-कोई एक विषय का चयन
-विषय अमूर्त हो तो पंचेन्द्रिय ग्राही बनाना
-एक विषय पर पांच, सात या अधिक अत्यंत छोटी रचनाएं करना
-विषय को बिम्ब,प्रतीक,मिथक,फेंटेसी , रूपक ग्रंथिmetaphorके साथ जोडना
-अकाव्योचित,अरूढ विषयों को रसाप्लावित करना
-कवि प्रतिभा की कसोटी
-छोटी रचना में कम से कम शब्दों का प्रयोग
छंद के बंधन नही.
शास्त्रों के संदर्भ ,व्यक्रोक्ति ,व्यंजना से प्राणवान रचना
प्राणहीन बडे काव्य हो सकते है,मोनो इमेज नही।
अब  DrMaya Kalburge and Saloni Joshi ji के लिए यह हाइकु
स्थातुमिच्छामि
छिद्यमानवृक्षस्य
स्थाने$हं स्वयम्
मैं स्वयं खडा रहना
चाहता हूं
कट रहे पेड की जगह।
पीडा का वैश्विक अनुभव आपको ईसा मसीह बनाता है।

Tuesday, July 14, 2020

my aim and moorti,my ideal

प्रसिद्ध ओस्ट्रेलियन कवि रेइनर मारिया रिल्के एक बार 
रोदां नामक ख्यात चित्रकार से मिले और कहा मैं बहुत समय से कविता लिख नही सकता हूं।तब रोदां ने कहा आप कोई भी पदार्थ को तब तक देखो,जब तक वह कविता न बन जाय।संस्कृत कवि अच्छे विषयों पर घीसीपीटी कविता लिखते हैं। मैं रोदां Ronda को मेरा आदर्श मानकर अकाव्योचित पदार्थ में कविता ढूंढता हूं।यही मेरी सफलता है,अपार विषयवैविध्य  में चेलेंज के साथ विषयों को कवित्व देना।

Friday, July 10, 2020

9july 20

'अपरिचितो
व्योम्नि तारक:'-एष
परिचयो मे।
'अपरिचित सितारा
आकाश का '-यह
है मेरा परिचय
'An unknown star
In the sky '-it is 
My acquaintance
For Pandya Nikunj Yashu ,Swati Shah and Mahesh Trivedi

Thursday, July 9, 2020

9july 20

लेखन्यास्स्पशा-
शब्दास्तूष्णीं हरन्ति
हृद्रहस्यानि ।
लेखिनी के ये जासूस शब्द
चूपचाप चोर जाते हैं
हृदय के रहस्यों को।
The words, detectives of pen,silently steal
The secrets of hearts!
   For Hemraj Saini and
Shalini Saxena ji
My best wishes to Bipasha Das, dear daughter ,on her birthday.

Tuesday, July 7, 2020

7 july 20

श्मशाने श्वानो
युध्यन्ते लड्डुकार्थं,
प्रदीप्ता चिता।
श्मशान में कुत्ते 
लडते हैं लड्डु के लिए,
चिता सुलगती हे।
लोग मृतात्मा के सामने ही  ज्यायदाद के लिए लडते है।संपत्ति लड्डू जैसी तो है।
In burning place creametory ,the dogs are fighting for sweet-  balls,i.e.wealth.
The dead body is on fire.
In hindu ceremony, sweet balls are given to dogs  at crematorium.
श्मशान में कुत्तों को लड्डू खीलाने का रिवाज है।
हम रिश्तेदार समझ कर कुत्तों को ही खीलाते हैं! 
For Jitendra Macwan and Sanjay Pandya

Thursday, July 2, 2020

हाइकु2nd june20

सन्त्यवकरे
बालश्रमिकस्वप्ना-
श्चायचषकैः।
हैं कुडे की टोकरी में
बाल श्रमिक के ख्वाब
चाय के कप के साथ
The dreams of 
Young aged mazdoor
are fallen in dust bin
with thrown tea cups!
For Naunihal Gautam and DrLaxmi Narayan Pandey

Sunday, June 28, 2020

28 June 20

The Laghav and Richness of Sanskrit.
In Japan zen monks say that when you feel seventeen syllabus more,you achieve Zen, the supreme element
क्ष्मां निमंक्ष्य,कं
दग्ध्वा$ग्निं प्रशाम्य खे
विलीनो योगी।
पृथ्वी को डुबो कर जल में,
जल को जला कर आग से
आग को बुझाकर पवन से,
आकाश में विलीन हो गया योगी 
Having drown Earth  in to water,
Having burnt water by fire,
    
Having             extinguished fire by wind , yogi vanished in sky
Dedicated to Lata Nanavati and Urmi Shah with regards
Muladhar-Earth, swadhithan-water,mManipur-fire,Anahat-wind, Vishuddha-Sky,Ajna-the door,  the third eye        Sahsrar-salvation

Thursday, June 25, 2020

दुष्ट अंधेरे का दिया,
देत अहै उंजियार।
लैइके घूंस ओहि ठग से,
अहै बड़ा हुशियार।। 
(अवधी भाषानुवाद)s

Monday, June 22, 2020

today's haiku 22 June 20

विद्युत्त्रिशूलं
क्षिपद् वादयति खं
मेघडमरुम्।
बीजली का त्रिशूल फैंकता हुआ आकाश
बजाता है मेघ के डमरु।
Throwing Trishul of
Lightning
The sky is beating  Damaru of clouds!
For Ritesh Vaman and  DrHarekrishna Meher with love

Sunday, June 21, 2020

About my self 21 June 20

अपने 66वर्षों की आयु में
मैं अपने  को आधुनिकता और औपनिषदिक दार्शनिकता के शिखर पर देख रहा हूं, जिस पर दो से  दस तक के मेरे समकालीन खडे हैं।मैंने छांदस काव्य तो बीस वर्ष की आयु में ही लिखे थे।छंदकौशल्य के साथ खण्डछंद, छंदों के मिश्रण, मात्रामेल छंदों से अच्छान्दस में गेयता के बाद हाइकु, सीजो, तान्का, मोनो इमेज पोएट्री, ग्राफ पोएट्री, टाइपोग्राफी, चित्रकला के साथ काव्य,म्यूरल पोएट्री, एब्सर्ड नाटक ,डायरी के रूप में उपन्यास ,नया और अनूठा काव्यशास्त्र और.....बच्चों के लिए कविता ,कथाऐं ,स्मृति कथा के रूप में आत्मकथा.... हा ! सर्वाधिक प्रयोगशील, सर्वाधिक चर्चित रचनाकार के रूप में अनेक भाषा में लेखन ,गुजराती का भी वरेण्य कवि...पुस्तकालयों में नही,लोकहृदय में जीवित कवि। ईर्ष्या पीडित शत्रुवैभववाला ....मैं और किसी का अनुकरण नहि करता, मेरा भी नही।अभी तक 166 किताबों का लेखन..। अतः हर बार नया..वह मेरी  प्रतिज्ञा है।आप सभी को वंदन ,जब तक आप मेरे साथ हैं ,मेरी लेखिनी चलती रहेगी.....

Monday, June 15, 2020

hain 15 June 2020

Freedom is the existence for human being but we loss it in relations
सारिकां प्रेक्ष्य
वृक्षे, निःश्वस्य वधू
-र्भित्तिं पश्यति ।
वृक्ष पर देखकर मैना को
वधू निश्वास के साथ
देखती है 
घर की चार दीवारी को ।
Looking Maina on the tree
The house wife sighs and sees walls of home
Dedicated to Sudha Ranipandey and Varalakshmi Kandregula

Sunday, June 14, 2020

हाइकु आजका

A Romantic Haiku
अक्ष्णो: प्रविष्टा:
कृषक-कन्यकाया
वृतेश्शलभा: ।
किसानकन्या की
आँखों में दाख़िल हो गयीं
बाड़ पर बैठी तितलियाँ ।
Butterflies on hedge
Entered in to the eyes of farmer girl
Here butterfly is symbol  of young age, first love , zeal of heart and  
Unsteadiness of feelings.
The traditional Sanskrit poet doesn't understand symbols
For Taresh Kumar Sharma and Kamlakant Tripathi

Sunday, May 31, 2020

हाइकु काव्यम्

गूहगवेषां 
क्रीडन्ति सान्ध्यकाले
गगनवर्णाः।
 खेल रहे हैं
आंख मिचौली 
शाम के समय
आकाश के रंग


Wednesday, May 6, 2020

my haiku poem 6may 2020

आयुर्भारेण 
पीडां वोढुमुत्थितः 
प्रभात उष्ट्रः।
The camel arose again in the morning 
To carry burden of life 
With pain

Tuesday, April 21, 2020

17th ph.d on works 1 Oct 2019

Solanki Urvashi bahen Hamirsinh आधुनिक संस्कृत कविता ओमां सांप्रत समस्याओं ( डो.हर्षदेव माधव, डो.प्रशस्यमित्रशास्त्रि अने डो.रवीन्द्र पण्डानी पसंद करेली कृतिओंना संदर्भमां एक अध्ययन,दक्षिण गुजरात युनिवर्सिटी

Saturday, April 11, 2020

16th ph.d.on my poems 10th April 2020

शेषनाथ मिश्र 'हर्षदेव माधव की कृतियों में निरूपित सामाजिक व सांस्कृतिक एकता,दिल्ली युनिवर्सिटी
16Sheshnath Mishra 'Harshdev Madhav ki krutiyonme niroopit Samajik va Sanskritik Ekata ,Delhi University'

Tuesday, April 7, 2020

my poem in Krotian language 5th April 2020,and Nepali language

My friend Boris has translated my poem ईश्वरः in Krotian language beautifully.shri Indra Girii is translating my poetry collection in Nepali. I am the first Sanskrit poet,who appeals so far. Thanks God

Thursday, March 19, 2020

Sunday, January 19, 2020

18 jan 2020

Yesterday there was All India  kavi sammelan at Delhi Sanskrit Akademi. I presented modern Sanskrit poems and people liked them too much